Meri aawaj

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Tuesday, July 13, 2010

हर दिन कुछ न कुछ खास होता है

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हर दिन कुछ न कुछ खास होता है,
कोई कभी दूर तो कभी दिल के पास होता है
मत हारना तुम कभी इन कठनाइयों से,
क्योंकि ग़मों में भी कुछ खुशियों का साथ होता है
हर दिन कुछ न कुछ खास होता है 

वक़्त तो मौसम की तरह है दोस्त,
तूँ क्यों इसकी मार से उदास होता है
संघर्ष करता है जो कठनाइयों से,
वही तो जिन्दगी की परीक्षा में पास होता है
हर दिन कुछ न कुछ खास होता है

कोई नहीं रहता उम्र भर किसी के साथ,
उजड़े हुए चमन में कहाँ परिंदों का वास होता है
चले जाते है लोग छोड़ कर ये भरी दुनिया,
मगर उनकी मीठी यादों का साया हमारे साथ होता है

हर दिन कुछ न कुछ खास होता है,
कोई कभी दूर तो कभी दिल के पास होता है
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-अभिषेक 

4 comments:

Unknown said...

bahut umda kaavya..........

अभिषेक said...

अलबेला जी हौसला बढाने के लिए शुक्रिया

Udan Tashtari said...

बहुत बेहतरीन रचना..

वाकई हर दिन कुछ न कुछ खास होता है...

अभिषेक said...

समीर जी बहुत बहुत धन्यवाद