Meri aawaj

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Monday, September 19, 2011

बेदर्द ज़माने वाले

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ये लो फिर आ गए बेदर्द ज़माने वाले
बात-बात में मेरे दिल को दुखाने वाले

हर हाँथ मिलाने वाले पे भरोसा न करो
अक्सर दिल नहीं मिलाते हाँथ मिलाने वाले

रात बांकी है और होश भी बांकी है अभी
अभी से कहाँ गए ये मै पिलाने वाले

हर रहनुमा पे तुम ऐतबार ना करना यारो
गुमराह भी कर देते है कुछ राह दिखाने वाले

ये लो फिर आ गए बेदर्द ज़माने वाले
बात-बात में मेरे दिल को दुखाने वाले

-अभिषेक
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