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ये लो फिर आ गए बेदर्द ज़माने वाले
बात-बात में मेरे दिल को दुखाने वाले
हर हाँथ मिलाने वाले पे भरोसा न करो
अक्सर दिल नहीं मिलाते हाँथ मिलाने वाले
रात बांकी है और होश भी बांकी है अभी
ये लो फिर आ गए बेदर्द ज़माने वाले
बात-बात में मेरे दिल को दुखाने वाले
-अभिषेक
===========================बात-बात में मेरे दिल को दुखाने वाले
हर हाँथ मिलाने वाले पे भरोसा न करो
अक्सर दिल नहीं मिलाते हाँथ मिलाने वाले
रात बांकी है और होश भी बांकी है अभी
अभी से कहाँ गए ये मै पिलाने वाले
हर रहनुमा पे तुम ऐतबार ना करना यारो
गुमराह भी कर देते है कुछ राह दिखाने वालेये लो फिर आ गए बेदर्द ज़माने वाले
बात-बात में मेरे दिल को दुखाने वाले
-अभिषेक