Meri aawaj

Meri aawaj

Wednesday, October 12, 2016

जैसा सोचो तुम वैसे हो

जैसा सोचो तुम वैसे हो,
रजकण या तारे तुम ही हो
हो सूरज का तेज तुम्ही,
निश के अंधियारे तुम ही हो

तुम ही तो रस हो नीरस में,
तुम ही काशी हो तीरथ में
मन के मारे भी हो तुम ही
तुम ही वो मन जो हो बस में
गिर के जो टूटे हो तुम्ही,
गिरतों के सहारे तुम ही हो
जैसा सोचो तुम वैसे हो,
रजकण या तारे तुम ही हो

तुम ही फूलों की माला से,
तुम ही अग्नि की ज्वाला से
गंगा जल जैसे हो तुम ही,
तुम ही सर्पों की हाला से
जीवन निर्माता हो तुम्ही,
जीवन से हारे तुम ही हो
जैसा सोचो तुम वैसे हो,
रजकण या तारे तुम ही हो

तुम ही सावन के छींटों से
तुम ही मँदिर की ईंटों से
संघर्षों की हार तुम ही
तुम संघर्षों की जीतों से
दुनियाँ कोसे वो हो तुम्ही
दुनियाँ के प्यारे तुम ही हो
जैसा सोचो तुम वैसे हो,
रजकण या तारे तुम ही हो

तुम ही तो बढते योवन हो
तुम ही तो गर्मी में वन हो
संकट सारे तुम से होते
तुम ही तो संकट मोचन हो
तूफाँ में डूबे हो तुम्ही
तूफाँ में किनारे तुम ही हो
जैसा सोचो तुम वैसे हो,
रजकण या तारे तुम ही हो

-अभिषेक खरे
https://www.facebook.com/abhishekhare

मेरा पहला प्यार तुम्ही हो

मेरा पहला प्यार तुम्ही हो
मेरी पहली यारी तुम
मेरे दिन का शोर-शराबा
मेरी दुनियादारी तुम

ये दुनिया है एक तमाशा
रानी तुम हो राजा मैं
तुम जीती तो मैं जीता हूँ
तुम हारी तो हारा मैं
मेरा पहला दाव तुम्ही हो
मेरी अंतिम पारी तुम
मेरे दिन का शोर-शराबा
मेरी दुनियादारी तुम

जब भी सोचा तुझको सोचा
जब भी देखा तुझको देखा
तूँ ही मेरा भाग्य चिन्ह है
तूँ मेरे हांथों की रेखा
मेरे मन का चिंतन हो तुम
मेरी दुनिया सारी तुम
मेरे दिन का शोर-शराबा
मेरी दुनियादारी तुम

तेरा प्रेम अमर गंगा सा
मेरा प्रेम हिमालय सा
तेरा मन पावन है वैसे
जैसे दीप शिवालय का
जैसे सब को रब है प्यारा
वैसे मुझको प्यारी तुम
मेरे दिन का शोर-शराबा
मेरी दुनियादारी तुम

मेरा पहला प्यार तुम्ही हो
मेरी पहली यारी तुम
मेरे दिन का शोर-शराबा
मेरी दुनियादारी तुम

-अभिषेक खरे
https://www.facebook.com/abhishekhare