Meri aawaj

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Sunday, November 27, 2011

वियोग

वियोग रस का एक गीत:

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तुम धोका ना देना मुझे ओ पिया
मैं खुद हूँ तुम्हारी  तुम्हारा जिया 
मैं सोऊं तो देखूं तुम्हे रातभर
जो जागूं तो सोचूं तुम्हे ही पिया
तुम धोका ना देना मुझे ओ पिया
मैं खुद हूँ तुम्हारी  तुम्हारा जिया

मैं अब तो हवाओं में उड़ने लगी
समुन्दर पे अब मैं तो चलने लगी
सितारों से खुद को सजाती हूँ मैं
कि सूरज का टीका लगाती हूँ मैं
हर रोज जलाऊं मैं तेरा दिया
मैं खुद हूँ तुम्हारी  तुम्हारा जिया
तुम धोका ना देना मुझे ओ  पिया
मैं खुद हूँ तुम्हारी  तुम्हारा जिया   

ज़माने से अब मैं तो डरने लगी
मैं खुद से ही अब बात करने लगी
कहीं यूँ ना अकेले ही मर जाऊं मैं
कहाँ जाऊं और अब किधर जाऊं मैं
संभालो ओ मुझको ओ मोरे पिया
मैं खुद हूँ तुम्हारी  तुम्हारा जिया
तुम धोका ना देना मुझे ओ पिया
मैं खुद हूँ तुम्हारी  तुम्हारा जिया 

तुम्हे क्या पिया याद आती नहीं
इक पल को भी क्या सताती नहीं
मुझसे तो अब दिन ये कटते नहीं
मन मैं जो अरमा है डटते नहीं
मुझे आके बाँहों में भरलो पिया
मैं खुद हूँ तुम्हारी तुम्हारा जिया
तुम धोका ना देना मुझे ओ पिया
मैं खुद हूँ तुम्हारी  तुम्हारा जिया 

-अभिषेक
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