गुल आगये हैं शाख पर जनाब आजाईये
दिल रखा है मेरा ताक पर जनाब आजाईये
दिल रखा है मेरा ताक पर जनाब आजाईये
महफिल में सभी पूछने यूँ लगे
कौन है आ रहा कौन है आ रहा
मैंने भी कह दिया प्यार है तू मेरा
मेरे दिल का सुकूँ मेरे लब की दुआ
सब हँसेगे मेरी बात पर जनाब आजाईये
गुल आगये हैं शाख पर जनाब आजाईये
कौन है आ रहा कौन है आ रहा
मैंने भी कह दिया प्यार है तू मेरा
मेरे दिल का सुकूँ मेरे लब की दुआ
सब हँसेगे मेरी बात पर जनाब आजाईये
गुल आगये हैं शाख पर जनाब आजाईये
तुझ बिन सुबह मेरी मैली हुई
शाम है साये जैसी फैली हुई
सब जलाते समां ओ मेरे पिया
मैंने जलाया है दिल का दिया
दिल जलेगा मेरा रात भर जनाब आजाईये
गुल आगये हैं शाख पर जनाब आजाईये
शाम है साये जैसी फैली हुई
सब जलाते समां ओ मेरे पिया
मैंने जलाया है दिल का दिया
दिल जलेगा मेरा रात भर जनाब आजाईये
गुल आगये हैं शाख पर जनाब आजाईये
इन्तहां हो गई अब रहा जाये ना
हाले दिल भी किसी से कहा जाये ना
मर ना जाऊँ कहीं मैं ओ मेरे सनम
तुझको है मेरे दर्दे दिल की कसम
दिल रखा है मैंने हाथ पर जनाब आजाईये
गुल आगये हैं शाख पर जनाब आजाईये
हाले दिल भी किसी से कहा जाये ना
मर ना जाऊँ कहीं मैं ओ मेरे सनम
तुझको है मेरे दर्दे दिल की कसम
दिल रखा है मैंने हाथ पर जनाब आजाईये
गुल आगये हैं शाख पर जनाब आजाईये
गुल आगये हैं शाख पर जनाब आजाईये
दिल रखा है मेरा ताक पर जनाब आजाईये
दिल रखा है मेरा ताक पर जनाब आजाईये
-अभिषेक खरे
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