Meri aawaj

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Saturday, June 25, 2016

दौड़ना


धावक को चाहिए पसीना आँख में उतरे
पसीना आँख में जो उतरे तो खूँ होता है

कभी कभी का दौड़ना तो शौंक है यारो
जो निरन्तर दौड़ता है उसमें जुनूँ होता है

जब भी दौड़ता हूँ मैं तो महसूस होता है
तुझमें समाया मैं मुझमें बसा तूँ होता है

दौड़ने की लत भी तो इश्क़ से कम नहीं
कुछ दिन न दौड़ो तो दिल धूँ धूँ होता है

दौड़ने के बाद का मंजर न पूछो हमसे
माँ की गोद में हूँ कुछ ऐसा सुकूँ होता है

-अभिषेक खरे
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