Meri aawaj

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Monday, April 9, 2012

ज़िंदगी ने कुछ यूँ तजुर्बे कराये हमें

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ज़िंदगी ने कुछ यूँ तजुर्बे कराये हमें ।
कुछ दोस्त दोस्त नज़र न आये हमें ।।

आईना कभी तो मुझे मुझको दिखाए ।
क्यों हर बार एक अजनबी नजर आये हमें ।।

हम चाँद की तरह आज चमके तो है ।
पर क्यों चाँद मे कई दाग नज़र आये हमें ।।

हर बार क्यूँ ये खुदा मैं तेरे दर पे आऊं ।
कभी तू भी तो मेरे घर मिलने आये हमें ।।

हर दोस्त दोस्त नज़र न आये हमें ।
ज़िंदगी ने कुछ यूँ तजुर्बे कराये हमें ।।

-अभिषेक
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