नज़रों से तेरी दूर है तो क्या हुआ
दिल में हरदम हम तेरे रहते तो है
होंठों ने तेरे जो कहा हमने न सुना
दिल ने दिल से जो कहा सुनते तो है
छाये है सावन के जो काले घने बादल
तेरी जुल्फ परेशां के कुछ टुकड़े तो है
जो रंग अपने प्यार के फैलाये है तुमने
वो रोज मेरी सांसों में घुलते तो है
यूँ तो हमारा मिलना एक हसीन ख्वाब है
पर ख्वाब ऐसे रोज हम बुनते तो है
-अभिषेक
===========================
1 comment:
बहुत खुबसूरत......अशआर.....शानदार अच्छा लगा पढ़ कर -
कभी फुर्सत में हमारे ब्लॉग पर भी आयिए- (अरे हाँ भई, सन्डे को भी)
http://jazbaattheemotions.blogspot.com/
http://mirzagalibatribute.blogspot.com/
http://khaleelzibran.blogspot.com/
http://qalamkasipahi.blogspot.com/
एक गुज़ारिश है ...... अगर आपको कोई ब्लॉग पसंद आया हो तो कृपया उसे फॉलो करके उत्साह बढ़ाये|
Post a Comment