Meri aawaj

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Thursday, August 19, 2010

तूँ मेरी प्रेम ग़ज़ल है

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तूं मेरे जीवन की है आस, तुझे रक्खूगा दिल के पास 
तूं मेरी प्रेम ग़ज़ल है, तूं मेरी प्रेम ग़ज़ल है

तुम्हे सोचूं, तुम्हे देखू, तुम्हारे गीत में गाऊं
तुम्ही तो हो जीवन का राग, तुम्ही से है ये मेरे दिन रात 
तूं मेरी प्रेम ग़ज़ल है, तूं मेरी प्रेम ग़ज़ल है

जो आज हुए हम दूर, ये है प्यार का एक दस्तूर
कल फिर से होगे पास, हमारा जनम-जनम का साथ 
तूं मेरी प्रेम ग़ज़ल है, तूं मेरी प्रेम ग़ज़ल है

जो आज नहीं मैं पास, तो होती हो तुम क्यों उदास 
करूँगा सात समंदर पार, मिलूँगा तुमसे मेरे दिलदार 
तूं मेरी प्रेम ग़ज़ल है, तूं मेरी प्रेम ग़ज़ल है 

तूं मेरे जीवन की है आस, तुझे रक्खूगा दिल के पास 
तूं मेरी प्रेम ग़ज़ल है, तूं मेरी प्रेम ग़ज़ल है 

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यहाँ आप मेरी ये कविता मेरी आवाज़ मैं सुन सकते है | ये मेरा नया प्रयोग है, आशा है अच्छा लगेगा | 

-अभिषेक 

2 comments:

Sunil Kumar said...

अच्छी लगी रचना आपकी मुवारक हो

Unknown said...

nonu its very very nice.