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जीवन की कठिन राह पर मैं
जब हँसते हँसते चल देता हूँ
तब सब मुझसे कहते है माँ
मैं बिलकुल तेरे जैसा हूँ
लोगों की कडवी बातों को मैं
जब हँसते हँसते सुन लेता हूँ
तब सब मुझसे कहते है माँ
मैं बिलकुल तेरे जैसा हूँ
अपने हर एक दुःख में मैं
जब छुप छुप के रो लेता हूँ
तब सब मुझसे कहते है माँ
मैं बिलकुल तेरे जैसा हूँ
अपनों को और गैरों को मैं
जब एक सा आदर देता हूँ
तब सब मुझसे कहते है माँ
मैं बिलकुल तेरे जैसा हूँ
निर्धन भूखे बच्चो को मैं
जब अपनी रोटी देता हूँ
तब सब मुझसे कहते है माँ
मैं बिलकुल तेरे जैसा हूँ
जीवन के हर एक दुःख को मैं
जब हँसते हँसते सह लेता हूँ
तब सब मुझसे कहते है माँ
मैं बिलकुल तेरे जैसा हूँ
हाँ बिलकुल तेरे जैसा हूँ
माँ बिलकुल तेरे जैसा हूँ
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1 comment:
Best one
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