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ज़िंदगी ने कुछ यूँ तजुर्बे कराये हमें ।
कुछ दोस्त दोस्त नज़र न आये हमें ।।
आईना कभी तो मुझे मुझको दिखाए ।
क्यों हर बार एक अजनबी नजर आये हमें ।।
हम चाँद की तरह आज चमके तो है ।
पर क्यों चाँद मे कई दाग नज़र आये हमें ।।
हर बार क्यूँ ये खुदा मैं तेरे दर पे आऊं ।
कभी तू भी तो मेरे घर मिलने आये हमें ।।
हर दोस्त दोस्त नज़र न आये हमें ।
ज़िंदगी ने कुछ यूँ तजुर्बे कराये हमें ।।
-अभिषेक
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1 comment:
ज़िंदगी ने कुछ यूँ तजुर्बे कराये हमें ।
हर दोस्त दोस्त नज़र न आये हमें ।
bahut hee khoobsurat gazal
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